Sunday, November 14, 2010

फ़िर एक नीड मिल गया.


बच्चन जी से अपने ब्लाग का शुभारंभ कर रहा हूं.

प्यार किसी से करना लेकिन

कहकर उसे बताना क्या,

देकर ह्रदय , ह्रदय पाने की

आशा व्यर्थ लगाना क्या.

- हरिवन्श राय बच्चन

10 comments:

  1. Bahut sunder panktiyon se shuruaat kar rahe hain..... bahut sunder .... shubhkamnayen

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  2. मोनिका जी आपका धन्यवाद.

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  3. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है. बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं बच्हन जी की . शुभकामना सहित!

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  4. आपका स्वागत है !

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  5. बहुत खूब....नए ब्लॉग की बधाइयाँ.


    _________________
    'शब्द-शिखर' पर पढ़िए भारत की प्रथम महिला बैरिस्टर के बारे में...

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  6. आरंभ बहुत अच्छा है।
    हिन्दी ब्लाग जगत में आप का स्वागत है।

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  7. कम शब्दों में बडी बात. यूँ ही प्रेरणाएँ बिखेरते रहें ।

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  8. बहुत खूब !
    ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है |

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