मैं एक कहानी हूँ
कैसी कहानी?
ठीक वैसी कहानी हूँ :~
जैसे मैंने अपने को लिखा है
पर मैं जानता नहीं मैं कैसी कहानी हूँ.
क्योंकि मैंने अपने को;
लिखा तो है ,पर पढा नहीं ,
हमेशा यह चाहत रहती है ~
मुझे कोई पढे, मुझे कोई पढे.......
जिससे उम्मीद करता हूं पढने की
वे “प्रारम्भ” को बडे ध्यान से पढते हैं
उसी में उन्हें इतना रस मिल जाता है
कि वे आगे नहीं बढना चाहते.
कोई मेरी कहानी की अंतिम बात जान लेता है,
और उसी से प्रारंभ तक को जान लेता है.
एक ऐसा भी वर्ग है-
जो मेरी कहानी के मध्य भाग को देख पाता है
और उसी से
छ्ह को कभी नौ
और कभी नौ को छह बनाता है
पर अचानक मुझे ख्याल आता है-
मेरी कहानी को कब , कौन, कैसे पढ लेता है
मुझे पता नहीं चलता!
मेरी कहानी पढने का अर्थ मैं
मुह की आवाज से लेता हूं, चुप्पी से नहीं
इसलिए मेरी कहानी की पंक्तियाँ
जिसके मुह से निकल जाती है
मैं समझने लगता हूँ-
उसी ने मुझे जाना और पहचाना
पर मेरी समझ गलत होती है
पढते तो लोग मेरी कहानी को है
देखते और समझते किसी और को है
पर जो मेरी चुप्पी से मेरी कहानी पढ लेते हैं
मुझे पता नहीं चलता कब उन्होंने मुझे पढा
पढाई –लिखाई के चक्कर में
मैं इतना गुम हो जाता हूं कि
जिन्होंने मुझे पूरा पढा
मैं उन्हे जान नहीं पाता
और असल बात तो यह है कि
हर शब्द का एक अर्थ होता है
उसी तरह मेरी कहानी के कई अर्थ
अब भी विद्यमान हैं
जो मेरे लिए उपन्यास है.
- ज़मीर
गूगल चित्र साभार
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteढेर सारी शुभकामनायें.
भाई तुम्हारा जवाव नही है।
ReplyDeleteसभी के भीतर एक कवि का दिल होता है।
ReplyDeleteबहुत खूब .. जीवन की कहानी के कितने पृष्ट हैं ... समझना आसान नहीं होता ... लाजवाब कविता .....
ReplyDeletezindgi ki kahani hi kuchh aisi hai..
ReplyDeleteअसल बात तो यह है कि
ReplyDeleteहर शब्द का एक अर्थ होता है
उसी तरह मेरी कहानी के कई अर्थ
अब भी विद्यमान हैं
जो मेरे लिए उपन्यास है.
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जमीर भाई कमाल कर दिया आपने ....शव्दों का खेल दिखा कर ...हार्दिक शुभकामनायें
बहोत ही बढियाँ प्रस्तुति
ReplyDeleteBahut sunder.... man ke bhavon ko bayan karati sunder bhavabhivykti....
ReplyDeleteजमीर भाई, कमाल की अभिव्यक्ति और कमाल का ब्लॉग है, अब तक दूर रहा इसका अफ़सोस है!
ReplyDeletebahut hi sundar rachna.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ......भावपूर्ण!
ReplyDeleteaap sabhi ka dhanyawaad.
ReplyDeleteजमीर भाई,
ReplyDeleteकहानी और उपन्यास बहुत पसंद आया ..
तारीफ के लिए शब्द नही है!
आदरणीय जमीर जी,
ReplyDeleteआपका ब्लॉग बहुत पसंद आया है!
मैं आपके ब्लाग को फालो कर रहा हूँ । आप भी कृपया मेरे ब्लाग एक्टिवे लाइफ को फालो करें. धन्यवाद.
http://sawaisinghrajprohit.blogspot.com
"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये
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